मन को मत मारो

मन को मत मारो,,,,,अरे
मन को मत मारो भाई ,,,,,,,,
मारो ,बिल्कुल मारो
अपने दुश्मनों को मारो
लेकिन पहले सोचो
तब मारो ,,,
लेकिन,
मन को मत मारो,,,
चुनो उसे , बलभर धुनों उसे
लेकिन, जरा ठहरो , सोचो
तब मारो ,
मन के भीतर की गुफाओं में झाँकों
और देखो, कहीं वह हमीं तो नहीं
जो बने हुए हैं बाधा
अपने ही राह के
ढूढ़ निकालो उसे
फिर मारो
मन को मत मारो,,,,,,,,






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