उन्हें जब-जब याद करता हूँ कभी
नाउम्मीद भरी निराशा के साथ
कि मै भी उन्हें याद आऊंगा;
एक वो है उन्हें फुर्सत नहीं
तिलिस्म-ए-रवायत से,,,,,,,,,,,,,,,,,,,"लाल बहादुर पुष्कर"

Comments

Popular posts from this blog